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सब कुछ बदल गया

सब कुछ बदल गया 


बड़ी सूनी सूनी सी थी ये जिंदगी 
एक तेरे आने से सब कुछ बदल गया 
खिजां का मौसम बिखरा था हर कहीं 
तेरे मुस्कुराने से सब कुछ बदल गया ।

खामोशी की सी चादर तनी हुई थी यहां
तेरे दिल की धड़कन से समां बदल गया
पसरा हुआ था सन्नाटा मन की गली में 
तेरे इश्क की धूप से नजारा बदल गया 

जजबातों के टुकड़े बिखरे हुये थे हर कहीं
तेरी जुल्फ लहराने से मौसम बदल गया 
गमों के बियाबान में भटक रहा था "हरि" 
तेरे नैनों के इशारों से सब कुछ बदल गया 

हरिशंकर गोयल "हरि"
21.12.21 

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